कुंडलिया छंद
धोखा देते हैं वही , जो होते हैं खास।
उचित नहीं होता अधिक,लोगों पर विश्वास।
लोगों पर विश्वास ,सभी की है मज़बूरी।
छल तोड़े संबंध, बनाए दिल में दूरी।
लोग वही हैं खास,और वह रिश्ता चोखा।
आए जिसमें पास ,भूलकर कभी न धोखा।।1
आईं खुशियाँ द्वार पर, लंबी लगा कतार।
नए साल ने हैं दिए,बहुविधि सब उपहार।
बहुविधि सब उपहार ,ईश है उसको देता।
जो भी करे प्रयास ,बनाता उसे विजेता।
रखना इन्हें सहेज ,सदा रत्नों की नाईं।
ये अपना सौभाग्य,पास जो खुशियाँ आईं।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय