कुंडलियां
कुंडलियां
सृजन शब्द-मार भगाओ
मार भगाओ मैं सभी, दूर करो अभिमान।
वचन रहें मीठे सदा, विनम्रता परिधान ।।
विनम्रता परिधान,मान का कारण बनता।
होता यश का गान,सुख से जीवन चलता।।
सीमा कहना मान,प्रेम से शीश नवाओ।
सरल बनो इंसान, अहम् को मार भगाओ।।
सीमा शर्मा