कीमत जानो तुम
किसी की आंख में आये,
हुए आंसू की कीमत क्या,
कोई मेहनत करे इतनी की
उन सांसो की कीमत क्या
दो रोटी के लिए दिन रात मेहनत करे जो भी,
धूप में पड़ गए छाले
उन पैरों की कीमत क्या।।1।।
कोई बोले तो नोटों की
सी एक बौछार आ जाये
कोई बोले तो लानत की
सी एक दीवार आ जाये
गरीबी को अमीरी ने है रखा पावों के नीचे है,
दया जिसके भी दिल में हो
वो मदतगार आ जाये।।2।।
राह में चल नही सकता,
वो गाड़ी में ही आता है।
वो मीठा खा नही सकता,
उसे फीका ही भाता है,
अजब है खेल क़ुदरत का ज़माने के लिए देखो,
दौलत तो कमाई खूब
न खाता तू न खिलाता है।।3।।
दुआओं का असर होगा,
तुम किसी से मांगकर देखो।
ये सागर भी लगे छोटा ,
इसे तुम लांघ कर देखो।
कठिन कोई भी जग में काम होता ही नहीं सुन लो,
ज़रा मुट्ठी को तो खोलो,
बेड़ियां टांग कर देखो।।4।।
बड़ा बनना जो चाहो तो,
बड़ा कुछ काम तुम कर लो ।
बड़ाई जग में होगी जब,
बड़ा तुम नाम भी कर लो।
बड़े होकर भी झुकना और सबको आसरा देना,
ये गुण है संत गुरुजनो का,
इन्हें तुम प्रणाम् भी कर लो।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार