कीमती समय
चला गया जो समय लौटकर,
वापस कभी नहीं आता
सदा समय को खोने वाला,
कर मल-मलकर पछताता ।
जिसने इसे न माना
उसको भी इसने ठुकराया
लाख प्रयत्न करने पर भी
हाथ कभी न उसके आया।
हो जाता है एक घड़ी के लिए
जीवन भर का रोना,
समय बहुत ही मूल्यवान है,
व्यर्थ कभी मत खोना।
© अभिषेक पाण्डेय अभि