कीजिए
2122 2122 2122 212
इश्क की फिरसे शुरू कोई कहानी कीजिए।
और फिर ये खूबसूरत जिंदगानी कीजिए।।
पाला है जब शौक तुमने गज़लें लिखने का अगर
जांचिए फिर रब्त में ये ऊला सानी कीजिए
लाज लुटती इस धरा पर पाप बढ़ता जा रहा
पापियों का नाश अबआदीभवानी कीजिए
सादगी से आपको जीने न देंगे लोग ये
बेइमानों संग थोड़ी बेइमानी कीजिए
पलकों के यह शामयाने जुल्फों की ये बदलियाँ
आइए आगोश में शामें सुहानी कीजिए
भूखे बच्चों को अगर वो एक रोटी ले गया
चोर कहकर अब न उसको पानी पानी कीजिए
छल कपट षड्यंत्र भी धोखाधड़ी के दौर में
आप कोई सौदेबाजी मत जुबानी कीजिए
हो नहीं अनुरूप अपने तो शिकायत कर सकें
रिश्तेदारी तो हमेशा जानी मानी कीजिए
लत न लग जाये बुरी ऐसी रहे बैठक उठक
शौक तो बस आप कोई खानदानी कीजिए
लिख दिया मैंने तो वो ही दिल में आया जो मेरे
आप मेरी भावना की तर्जुमानी कीजिए
सरफिरे लोगों से अक्सर रहती दो गज दूर ही
आप कृपया ज्योति से न बदजुबानी कीजिए
✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव