Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2021 · 1 min read

किस राह

किस राह

किस राह की बात करूं मैं
किस राह पर चलूँ मैं

किस पड़ाव पर रुकूं मैं
किस हाल में जियूं मैं

किससे अपनी व्यथा सुनाऊँ मैं
किस मार्ग पर चलूँ मैं

किन आदर्शों में पलूँ मैं
किस दिशा में चलूँ मैं

किस किसकी दशा पर रो पडूं मैं

सोचता हूँ
किन और किस से
जुड़े प्रश्नों का हल क्या हो

मानव जो मानवता के
झंडे तले रहना नहीं स्वीकार करता

मानव जो आदर्शों तले
अपना जीवन गुजारना
स्वीकार नहीं करता

मानव जो विलासितारूपी
दानव का मित्र बन गया है

मानव जो आतंक रुपी
दानव हो गया है

मानव जो रंग बदलती
दुनिया में खो गया है

मानव जो अमानवीय
संस्कारों में अपने लिए थोड़ी सी
छाँव ढूंढ रहा है

मानव जो कमण्डलु को
छोड़ बोतल का शिकार हो गया है

मानव जो
सौन्दर्य के चक्रव्यूह
में फंस व्यभिचारी हो गया है

मानव जो
अपनी आने वाली पीढ़ी
के लिए मृत्यु बीज बो रहा है

मानव जो
मानव के पहलू से खींचता
आदर्शों का पहनावा
संस्कारों की लकीर में
जगाता विश्वास

सत्मार्ग से कुमार्ग की ओर
करता प्रस्थित
भौतिक संसाधनों
के चक्र जाल में उलझाता

मानव
मानव को नहीं भाता
मानव को मानव की मनुगति नहीं भाती

मानव को मानव का कुविचारों से सुविचारों
की ओर पलायन नहीं भाता

मानव को मानव की संस्कृति
संस्कारों में रूचि नहीं भाती

ऐसे मानव विहीन
समाज में किस पर विश्वास करूँ

किसे आदर्श कहूँ
किसे अपना कहूँ

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
तुम से ज़ुदा हुए
तुम से ज़ुदा हुए
हिमांशु Kulshrestha
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
चाह नहीं मुझे , बनकर मैं नेता - व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
करूण संवेदना
करूण संवेदना
Ritu Asooja
"आत्ममुग्धता"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
हे नारियों खंजर लेकर चलो
हे नारियों खंजर लेकर चलो
Sonam Puneet Dubey
अस्तित्व की तलाश में
अस्तित्व की तलाश में
पूर्वार्थ
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
Rj Anand Prajapati
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मकर संक्रांति पर्व
मकर संक्रांति पर्व
Seema gupta,Alwar
लेखक
लेखक
Shweta Soni
"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
मनुष्य एक बहुफलीय वृक्ष है, जैसे आप आम, अमरूद पहचानते और बुल
Sanjay ' शून्य'
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
अवंथिका
अवंथिका
Shashi Mahajan
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
..
..
*प्रणय*
अजीब शै है ये आदमी
अजीब शै है ये आदमी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
सावन आज फिर उमड़ आया है,
सावन आज फिर उमड़ आया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
थोड़ा पैसा कमाने के लिए दूर क्या निकले पास वाले दूर हो गये l
Ranjeet kumar patre
3725.💐 *पूर्णिका* 💐
3725.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देश की पहचान
देश की पहचान
Dr fauzia Naseem shad
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
किसी और के आंगन में
किसी और के आंगन में
Chitra Bisht
Loading...