Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2017 · 2 min read

किस्सा–द्रौपदी स्वंयवर अनुक्रमांक–04

***जय हो श्री कृष्ण भगवान की***
***जय हो श्री नंदलाल जी की***

किस्सा–द्रौपदी स्वंयवर

अनुक्रमांक–04

वार्ता–जब राजा शल्य भी स्वंयवर की शर्त पूरी नहीं कर पाये तो सभी राजा आपस में विचार करने लगे कि अब इस शर्त को कौन पूरा करेगा।
तभी दुर्योधन भी विचार करता है और अपने मामा शकुनि से कहता है कि काश!हमारा भाई अर्जुन होता तो यह पैज पूरी कर देता।तब मामा शकुनि कहता है कि क्या हुआ अर्जुन नहीं है तो कर्ण तो है,तुम किसी तरह दोस्ती का वास्ता दे कर कर्ण को सभा में ले आओ।स्वंयवर की शर्त को वह पूरी कर देगा और द्रौपदी से तुम शादी कर लेना।
अब दुर्योधन कर्ण के पास जाता है और उसको मित्रता का वास्ता देकर सभा में चलने के लिए कहता है।

टेक–सच्चे मित्र थोड़े ज्यादा हैं मतलब के यार सुणों।
उर के अन्दर कपट भरया हो लोग दिखावा प्यार सुणों।।

१-मारया जाता मृग विपन मैं छाल चूकते ही,
नहीं सही निशाना लगै धनुष से भाल चूकते ही,
विरह व्याकुल हो मन उदधि की झाल चूकते ही,
ना गाणें मै रस आ सकता सुर ताल चूकते ही,
चाल चूकते ही चौसर मै झट गुट पिट जाती स्यार सुणों।

२-कामी क्रोधी कुटिल कृपण कपटी प्रीती कर सकता ना,
सूरा पूरा सन्नमुख जाता मरणे से डर सकता ना,
शेर माँस के खाणे आळा घास फूस चर सकता ना,
परोपकारी जीव बिन पर आई मै मर सकता ना,
भर सकता ना घाव बुरा लगै वाणी का हथियार सुणों।

३-असी धार से म्यान मूठ अौर सुशोभीत सेल अणी से हो,
नीलम नग पुखराज लाल हीरे की कद्र कणी से हो,
कानन की छवि पंचानन सिंह की सहाय बणी से हो,
कलम मसी से निशा शशी से शोभीत नार धणी से हो,
फणी मणी अौर मीन नीर से हो अलग मरण नै त्यार सुणों।

४-पतिव्रता ना बण सकती कोय पति ओर करकैं देखो,
सजता नहीं अखाड़े मै कमजोर जोर करकैं देखो,
केशोराम घन धुनी सुनी खुश मोर शोर करकैं देखो,
कुन्दनलाल कहै ले ज्यागें चितचोर चोर करकैं देखो,
नंदलाल गौर करकैं देखो यहां रहणा है घड़ी चार सुणों।

कवि: श्री नंदलाल शर्मा जी
टाइपकर्ता: दीपक शर्मा
मार्गदर्शन कर्ता: गुरु जी श्री श्यामसुंदर शर्मा (पहाड़ी)

Language: Hindi
1 Like · 873 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
prAstya...💐
prAstya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
gurudeenverma198
2953.*पूर्णिका*
2953.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सफर की यादें
सफर की यादें
Pratibha Pandey
#ज़मीनी_सच
#ज़मीनी_सच
*प्रणय*
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
मुझे उन दिनों की बेफिक्री याद है कि किसी तोप
Ashwini sharma
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
"सच के खिलाफ विद्रोह करते हैं ll
पूर्वार्थ
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बरसात
बरसात
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ढ़लती हुई
ढ़लती हुई
हिमांशु Kulshrestha
मेरी माँ
मेरी माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मन के सवालों का जवाब नही
मन के सवालों का जवाब नही
भरत कुमार सोलंकी
" जेबकतरा "
Dr. Kishan tandon kranti
Right now I'm quite notorious ,
Right now I'm quite notorious ,
Chaahat
हम दोनों  यूं  धूप  में  निकले ही थे,
हम दोनों यूं धूप में निकले ही थे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
तअलीम से ग़ाफ़िल
तअलीम से ग़ाफ़िल
Dr fauzia Naseem shad
यारो हम तो आज भी
यारो हम तो आज भी
Sunil Maheshwari
.
.
Ankit Halke jha
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
मास्टरजी ज्ञानों का दाता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
जब तक प्रश्न को तुम ठीक से समझ नहीं पाओगे तब तक तुम्हारी बुद
Rj Anand Prajapati
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
Sanjay ' शून्य'
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
यादों का बुखार
यादों का बुखार
Surinder blackpen
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
नववर्ष।
नववर्ष।
Manisha Manjari
Loading...