Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2021 · 2 min read

किस्सा ए कामवाली ( हाउस मेड) {हास्य व्यंग कविता}

जब ना आये वोह काम पर ,
तो हम पर आ जाती आफत।
मगर जब आ जाये वो तो ,
चेहरे की बढ़ जाती है रौनक।

वोह समझती है की मैडम का ,
हाल बहुत अच्छा है।
उसे क्या पता की उसके ,
आने से पहले हमने उसे कोसा है..

” अभी तक नहीं आई ,
कही छुट्टी करने की नियत तो नही ।
क्या वह खुद बीमार हो गई ,
या कोई समस्या तो नही ।

समस्या चाहे कोई हो ,
इनके लिए नई है क्या ?
इनके पास तैयार रहती हैं,कहानियां,
आज कोई नई कहानी है क्या ?

कहानी होती है इनकी ,
कुछ अपनी कुछ पराई ।
कभी पड़ोसियों से अनबन ,
तो कभी घरेलू लड़ाई ।

बस ! तो फिर आंखों में आसूं लाकर ,
सूजा हुआ मुंह दिखाकर ।
उस पर उदासी की चादर ओढ़े,
काम से लाचारी दिखाकर।

देखकर उसकी दीन हीन अवस्था,
मुंह से निकलता है “बेचारी ” ,
उसे कुर्सी पर बैठा के की जाती है,
आव भगत सारी ।

पहले तो जरूरत ,
फिर आदत बन जाती है ।
यह मेहरिया हमारी कमजोरियां,
खूब पहचानती है।

इन्हें मालिको की नब्ज ,
पहचानना खूब आता है।
कैसे जीते इनका दिल ,
सहानुभूति लेना खूब आता है ।

सच मानो तो यह हमसे ज़ायदा,
होती है दुनियादारी में निपुण।
है तो वो अंगूठा -छाप मगर ,
सामान्य ज्ञान और शहर की खबरों ,
होती है सदा परिपूर्ण।

इनके आने से घर की ,
कायापलट हो जाये।
जो काम लगते थे भारी ,
वह एक क्षणमें निपट जाये।

वह ना आये तो एक मेहमान भी,
मुसीबत लगता है।
और यदि वह हो घर में मौजूद,
चाहे १० आ जाए ,
कोई फर्क नहीं पड़ता है।

वह चाहे जैसी भी हो ,
हमारे मन को भाये।
हम पर चाहे जो गुज़रे ,
मगर उसपर कोई आंच ना आये ,

यही दुआ करता है हमेशा दिल,
क्योंकि वो ठीक तो हम भी ठीक ।
वो बीमार तो हम भी बीमार ,
फिर हम कहां से रह पाए ठीक ।

यह है घर घर की कहानी ,
शायद आपको पसंद आए ।
हो सकती है आपकी भी आप बीती ,
गर आपको मन भाए ।

Language: Hindi
7 Likes · 6 Comments · 520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
Rituraj shivem verma
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
घर के किसी कोने में
घर के किसी कोने में
आकांक्षा राय
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
राष्ट्र भाषा हिंदी
राष्ट्र भाषा हिंदी
Dr.Pratibha Prakash
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
sushil yadav
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
पूर्वार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
Ashwini sharma
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
शेर-
शेर-
*प्रणय*
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
साधारण असाधारण
साधारण असाधारण
Shashi Mahajan
संवाद
संवाद
surenderpal vaidya
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
Loading...