Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2023 · 1 min read

किस्मत

विषय – किस्मत

किस्मत ही जीवन में राह होती हैं।
हम सभी के जीवन में बस सोच हैं।

कर्म और किस्मत का सहयोग होता हैं।
रंगमंच के किरदार में इंसान बनता हैं।

हां किस्मत ही हमारी सुबह शाम हैं।
आज कल बरसों के साथ होती हैं।

राह में बहुत किस्मत का सच रहता है।
तेरी यादों में सदा दिल हमारा कहता हैं।

किस्मत का नाम आप और हम होते हैं।
अच्छी बुरी सबकी अपनी अपनी होती हैं।

कर्म का लेखा-जोखा किस्मत कहते हैं।
आओ हम सभी अच्छी राह बनाते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
1 Like · 141 Views

You may also like these posts

मजदूर का बेटा हुआ I.A.S
मजदूर का बेटा हुआ I.A.S
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
बांध लो बेशक बेड़ियाँ कई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आशिर्वाद
आशिर्वाद
Kanchan Alok Malu
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
उन सड़कों ने प्रेम जिंदा रखा है
Arun Kumar Yadav
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
4093.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Humsafar
Humsafar
Gunjan Sharma
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
किसी बिस्तर पर ठहरती रातें
Shreedhar
😊शुभ-रात्रि😊
😊शुभ-रात्रि😊
*प्रणय*
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मतवाला
मतवाला
Deepesh Dwivedi
प्वाइंट
प्वाइंट
श्याम सांवरा
वक्त
वक्त
Shyam Sundar Subramanian
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
Sanjay ' शून्य'
📚पुस्तक📚
📚पुस्तक📚
Dr. Vaishali Verma
ब्रह्मांड अस्तित्व
ब्रह्मांड अस्तित्व
Mahender Singh
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
हम कैसे कहें कुछ तुमसे सनम ..
Sunil Suman
कर्त्तव्य
कर्त्तव्य
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
*घने मेघों से दिन को रात, करने आ गया सावन (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सृष्टि का अंतिम सत्य प्रेम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भेड़चाल
भेड़चाल
Dr fauzia Naseem shad
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
समझदार करने लगे,अर्थहीन जब बात .
RAMESH SHARMA
भूलना..
भूलना..
हिमांशु Kulshrestha
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आसमान में गूँजता,
आसमान में गूँजता,
sushil sarna
पिता सब कुछ हो तुम
पिता सब कुछ हो तुम
Raghuvir GS Jatav
सावन
सावन
Bodhisatva kastooriya
*भूख जीवन का सबसे बड़ा सच है*
*भूख जीवन का सबसे बड़ा सच है*
Rambali Mishra
सदविचार
सदविचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शहर या गांव: कहां रहना बेहतर
शहर या गांव: कहां रहना बेहतर
Sudhir srivastava
Loading...