किसे फुरसत है
किसे फुरसत है इस जग में,
अपने आपको जानने की,
सब दौड़ रहे, भाग रहे
दौलत के पीछे,
सत्ता और शोहरत के पीछे,
समय की धारा में…!
भूलकर अपने आपको,
अपने अस्तित्व से बेखबर हो,
जी रहे हैं पलों में।
— सुमन मीना (अदिति)
लेखिका एवं साहित्यकार