किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
ऐ फ़कीर! तेरा नसीब तुझे फुटपाथ पर बुलाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
किसी को घर, तो किसी को रंग महलों में बुलाती है,
ऐ फ़कीर! तेरा नसीब तुझे फुटपाथ पर बुलाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”