किसी के दिल की जबां हिचकियाँ बोल रही है
किसी के दिल की जबां हिचकियाँ बोल रही हैं
एक अहसास की हवा खिड़कियाँ खोल रही हैं
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न मुमकिन भी नही अब पहुँचना उस तलक
रूह उसी की तो अब नजदीकियाँ टटोल रही है
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कपिल कुमार
08/10/2016