किसी के काला कहने से सुरज का सच बदलता नही है
बिना आग लगे कहीं से यू ही धूआं निकलता नही है
झुठ के तेल के बिना सच का चिराग जलता नही है
तुम सच कह रहे हो ‘भारत’ तुम पर भारत यकीन करता है
किसी के काला कहने से सुरज का सच बदलता नही है
बिना आग लगे कहीं से यू ही धूआं निकलता नही है
झुठ के तेल के बिना सच का चिराग जलता नही है
तुम सच कह रहे हो ‘भारत’ तुम पर भारत यकीन करता है
किसी के काला कहने से सुरज का सच बदलता नही है