किसी की चाह मे खुद को
किसी की चाह में खुद को तबाह कर लेंगे
है ये गुनाह तो हम ये गुनाह कर लेंगे
न दो नसीहतें अब तो खुमार उनका है
वगरना हमें भी मालूम वो साथ कहाँ तक देंगे
अब आगे उनकी मर्जी मेहरबां हो सितम ढाये
हम तो आखिर दीवाने हैं हर हाल निबाह कर लेंगे
रश्मो रिवाज दीनोहरम पहले तमाम कर आये
उनकी खुशी की खातिर तो खुद को तमाम कर लेंगे
M.Tiwari”Ayen”