किसी और से करना
इश्क, मुश्क, प्रेम और वफादारी की बात करते हैं,
इस देश के कुछ नमक हराम गद्दारी की बात करते हैं,
और जिनके अभी दूध के दांत भी नहीं टूटे,
वो, हमसे समझदारी की बात करते हैं।
नए – नए इश्क़ में वादे ज़रा गौर से करना,
जब भी अपने हक़ की बात करना ज़ोर से करना,
छोड़ो वो पुरानी बातें, वो शराफतें, वो आदतें,
जब भी हमसे बात करना, ज़िद्द छोड़ के करना।
अज़ी छोड़ो ये सियासतदारी, ये रार, ये नफ़रत की बातें,
यही करनी है तो किसी और से करना।।
© बदनाम बनारसी