किसी और का हो जाऊ क्यों होने नहीं देता
वो चेहरा खुद के अलावा कहीं खोने नहीं देता
किसी और का हो जाऊ क्यों होने नहीं देता ||
अजीब सी बेचैनी चेहरे पर रहती है आजकल
तन्हाइयो मे भी मुझको क्यो रोने नहीं देता ||
दिन तो गुजर जाता, जीने की जद्दोजहद मे
रातो को मगर चैन से क्यो सोने नहीं देता ||
सहूलियत खोजने की आदत सी हो गयी है
बोझा ज़िम्मेदारियों का क्यो ढोने नहीं देता ||