किसान भैया
भैया किसान , सुनो रे भैया , अब न लगाओ आग
वायु प्रदूषण , न हो शोषण , वरना खेलनी पड़ेगी फाग
खेलनी पड़ेगी आग , व्यर्थ बह जाए पानी
कहे ओम कविराय , हर राज्य की यही कहानी
जीवन छोटा , जग बड़ा , सुनो मेरे किसान भैया
ओम प्रकाश भारती ओम्
भैया किसान , सुनो रे भैया , अब न लगाओ आग
वायु प्रदूषण , न हो शोषण , वरना खेलनी पड़ेगी फाग
खेलनी पड़ेगी आग , व्यर्थ बह जाए पानी
कहे ओम कविराय , हर राज्य की यही कहानी
जीवन छोटा , जग बड़ा , सुनो मेरे किसान भैया
ओम प्रकाश भारती ओम्