Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2020 · 1 min read

किसान चल पड़े ..

किसान चल पड़े….

मैं किसान इस देश का वासी
फिक्र कर लो मेरी भी ज़रा सी
फ़क़त इतनी सी है मेरी जरूरत
दो जून रोटी वसन सर पर छत

कभी ठिठुरन कभी झुलसती लू
कभी सूखते कण्ठ,जलती हुई भू
माथे लहू टपकता पसीना बनकर
नग्न पाँव बींधे जाए काँटे कंकर

बेबस दुर्बल देह की चेतना झूलती
भूखे उदर की पीड़ कलेजा चीरती
किसे सुनाए अपनी करुण कथाएँ
कौन समझेगा उर की तप्त व्यथाएँ

निकल पड़ा भीड़ में या अकेले
छोड़ परिवार और बच्चों के रेले
कसा गमछा सर पर पगड़ी डाल
चला तोड़ने चक्रव्यूह सियासी चाल

हक़ माँगने चल पड़ा सड़क पर
अभिलाषा बनूँ मील का पत्थर
पत्थर हो गए पाँव चलते चलते
मिलेगा घर न जाने कौन से रस्ते

शोषण तम गहन जीवन को घेरे
निराशा का निवास,क्रंदन के डेरे
फिर भी न छोड़े आशा की डोर
बढ़ता जा रहा मंज़िल की ओर

रेखा
कोलकाता

– [ ]

Language: Hindi
2 Comments · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
तू कहीं दूर भी मुस्करा दे अगर,
तू कहीं दूर भी मुस्करा दे अगर,
Satish Srijan
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
जिंदगी में अपने मैं होकर चिंतामुक्त मौज करता हूं।
Rj Anand Prajapati
अनुभव 💐🙏🙏
अनुभव 💐🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Bundeli Doha-Anmane
Bundeli Doha-Anmane
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak
सच ज़िंदगी के रंगमंच के साथ हैं
सच ज़िंदगी के रंगमंच के साथ हैं
Neeraj Agarwal
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
घनघोर इस अंधेरे में, वो उजाला कितना सफल होगा,
Sonam Pundir
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
*मधुमास में मृदु हास ही से, सब सुवासित जग करें (गीत)*
Ravi Prakash
💐प्रेम कौतुक-453💐
💐प्रेम कौतुक-453💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं
शिव प्रताप लोधी
“मेरी कविता का सफरनामा ”
“मेरी कविता का सफरनामा ”
DrLakshman Jha Parimal
सब वर्ताव पर निर्भर है
सब वर्ताव पर निर्भर है
Mahender Singh
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
शब्द लौटकर आते हैं,,,,
Shweta Soni
"तुम्हें राहें मुहब्बत की अदाओं से लुभाती हैं
आर.एस. 'प्रीतम'
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
*Author प्रणय प्रभात*
कहानी इश्क़ की
कहानी इश्क़ की
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
प्यार विश्वाश है इसमें कोई वादा नहीं होता!
Diwakar Mahto
स्पीड
स्पीड
Paras Nath Jha
उसकी सुनाई हर कविता
उसकी सुनाई हर कविता
हिमांशु Kulshrestha
"सच्ची जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
सारा दिन गुजर जाता है खुद को समेटने में,
शेखर सिंह
दिल  में हसरत  जगे तो दबाना नहीं।
दिल में हसरत जगे तो दबाना नहीं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कालजयी रचनाकार
कालजयी रचनाकार
Shekhar Chandra Mitra
यशस्वी भव
यशस्वी भव
मनोज कर्ण
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
कवि दीपक बवेजा
ज़िंदगी इस क़दर
ज़िंदगी इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...