★गहने ★
किसके लिए खरीदोगे गहने तुम बाजार में जब वो शख़्स ही नहीं मिलेगा जिसे चाहते हो तुम प्यार में। प्यार में मझधार में नदी की तेज धार में करोगे जिस्म पात तुम फिर उस नदी की तेज धार में। क्या मां करेगी सोचा ना कभी अकेली घर द्वार में। छोड़कर चला गया कमबख्त संसार में। किसके लिए खरीदोगे आखिर तुम गहने बाजार में।।
★IPS KAMAL THAKUR★