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4 May 2024 · 1 min read

किरदार

समय के साथ-साथ बदलते हैं किरदार,
किसी ने दिया धोखा कोई बना वफादार।

विपदा भी आती रही हमारे हिस्से में,
किसी ने साथ निभाया कोई छोड़े मंझधार।

हम भटकते रहे मंजिलों की तलाश में,
राह की दुश्वारियों से किसी ने किया खबरदार।

चर्चे होते रहें जीत से ज्यादा मेरी हार के,
हर कोई तैयार बैठा था बन के यहाँ अखबार।

खुशी में शामिल रहें बनकर मेरे करीबी सभी,
मेरे गम और तकलीफ से नही था सरोकार।

सफलता के सभी बनते हैं यहाँ माँ -बाप,
असफलता का नही बनता है कोई जिम्मेदार।

दुश्मनी और नफ़रत दिलों में पालते हैं सब,
भूल जाते हैं किसी की मुहब्बत और प्यार।

Language: Hindi
19 Views
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