किनारे
किनारे
किनारे यूं ही हासिल नहीं होते
अपने प्रयासों को अपनी पतवार कर लो
मंजिल यूं ही कभी हासिल तहीं होती
अपनी कोशिशों को अपनी मंजिल का हमसफ़र कर लो
किनारों को यूं कभी कोसा नहीं करते
अपने प्रयासों को अपना हमदम कर लो
नाकाम प्रयासों को यूं कोसा नहीं करते
अपनी कोशिशों को अपने विश्वास से सींच कर देखो
सरोवर की गन्दगी पर यूं प्रश्न उठाया नहीं करते
उसे अपने प्रयासों से पावन कर देखो
स्वर्ग और नरक के प्रश्नों में , जिन्दगी को उलझाया नहीं करते
अपने सत्कर्मों से अपनी जिन्दगी को मोक्ष राह पर अग्रसर कर देखो
किनारे यूं ही हासिल नहीं होते
अपने प्रयासों को अपनी पतवार कर लो
मंजिल यूं ही कभी हासिल तहीं होती
अपनी कोशिशों को अपनी मंजिल का हमसफ़र कर लो