किनारे ये किनारे
किनारे ये किनारे, किनारे ये किनारे।
नदियों के ये किनारे है क्यों मुस्कुराते।।
तालाबों के किनारे उम्मीद जगाते।
खेतो के किनारे हरियाली दिखाते।।
मंदिरों के किनारे मन में आस्था जगाते।
शहरो के किनारे व्यस्तता दिखाते।।
मन के किनारे सोच में है डूब जाते।
समुंद्रों के किनारे विशालता दिखाते।।
स्कूल कॉलेजों के किनारे भविष्य है दिखाते।
विदेशों के किनारे आपसी मेल जोल को बताते।।
देश के किनारे अखंडता दिखाते।
गांवों के किनारे संगठन को दिखाते।।
किताबों के किनारे जिज्ञासा जगाते।
मेहनत के ये किनारे है सफलता को दिखाते।।