किताब
वह मेरी किताब हैं,
वह मेरा ख़िताब हैं,
वह सबसे निराली हैं,
वह हमें रबसे मिली हैं,
आवाज उसकी सुरीली हैं,
वह मेरी प्यारी सहेली हैं,
रहता हूं उसी में डूबा,
वह हैं मेरी महबूबा,
जब थकता हैं मेरा मन,
छूकर खिलता अंतर्मन,
देती वो आत्मा को झकझोर,
मिटा देती जीवन का शोर,
वह हैं मेरी किताब,
वह हैं मेरी किताब,
।।।जेपीएल।।।