किताब ए दिल
दिल की किताब का
एक अनलिखा,
कोरा वर्क हो तुम
होठों से मेरे बेसबब
बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम
भरना चाहता हूँ रंग
मोहब्बत की स्याही से
तुम ही ख़्वाब हो मेरे
मेरे जज़्बात हो तुम!!!
हिमांशु Kulshrestha
दिल की किताब का
एक अनलिखा,
कोरा वर्क हो तुम
होठों से मेरे बेसबब
बरसते हुए अल्फ़ाज हो तुम
भरना चाहता हूँ रंग
मोहब्बत की स्याही से
तुम ही ख़्वाब हो मेरे
मेरे जज़्बात हो तुम!!!
हिमांशु Kulshrestha