किताबों सी नहीं होती जिंदगी..
कल्पना में जीकर क्या करेंगे
सपनों का टूटना है दुखों की किताब
किताबों सी नही होती जिंदगी
असल का अलग ही अंदाज़
अच्छे होते है सिद्धांत किताबी बेशक
परन्तु हालातों की अलग है कहानी
बाहरी रूप पर जाने जाते सभी
अंतर्मन की न कभी किसी ने जानी
देखे हालात जब इस जग के
हुई बहुत ही हैरानी
हर कोई गलतफहमियों में है जी रहा
मजाक सी लगती है सभी की कहानी
फिल्मों को मान लेते है जिंदगी
वैसा बनने की हर किसी ने ठानी
बाद में नोचते हैं बाल वो नादान
जिन्होंने होश खोकर की नादानी
बातों के महल से नहीं चलती सामाजिकता की गाडी
कर्म है असली विचारों का आईना
विश्वास शब्द भी हुआ इतना फीका
जैसे हो मेड इन चाइना
विवेक की ताकत से अपनाओ सिद्धान्त किताबी
न तुम इसे ऐसे ही अपनाना
जल्दबाज़ी में चलकर किताबी उसूलों पर
न पड़ जाये उम्र भर पछताना
सही कहता है गीतों का तराना
जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना
है काम आदमी का
औरों के काम आना
वास्तविकता से रूबरू करवा सकें
लेखनी का हर पल प्रयास
सच में किताबों सी नहीं होती जिंदगी
असल का अलग ही अंदाज़