Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr fauzia Naseem shad
189 Followers
Follow
Report this post
11 Aug 2024 · 1 min read
कितनी उम्मीदें
ज़िन्दगी भी परेशां हो जाएं,
कितनी उम्मीदें दिल में पलती हैं।
डॉ०फ़ौज़िया नसीम ‘शाद’
Language:
Hindi
Tag:
शेर
Like
Share
2 Likes
· 45 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
फ़ासले
Dr. Fauzia Naseem Shad
एहसास के मोती
Dr. Fauzia Naseem Shad
मेरे एहसास
Dr. Fauzia Naseem Shad
You may also like:
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
Neelofar Khan
“मौन नहीं कविता रहती है”
DrLakshman Jha Parimal
सत्य सनातन गीत है गीता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुहब्बत मील का पत्थर नहीं जो छूट जायेगा।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
एतबार
Davina Amar Thakral
"अहमियत"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
उस "पीठ" को बेवक़ूफ़ मानिएगा, जो "पेट" की शिकायत हमेशा उसी की
*प्रणय*
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
Ravikesh Jha
साधना की मन सुहानी भोर से
OM PRAKASH MEENA
यूं तो रिश्तों का अंबार लगा हुआ है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सच हकीकत और हम बस शब्दों के साथ हैं
Neeraj Agarwal
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
शाश्वत, सत्य, सनातन राम
श्रीकृष्ण शुक्ल
"किसान का दर्द"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जिंदगी वही जिया है जीता है,जिसको जिद्द है ,जिसमे जिंदादिली ह
पूर्वार्थ
मैं जी रहा हूँ जिंदगी, ऐ वतन तेरे लिए
gurudeenverma198
चरम सुख
मनोज कर्ण
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
गीतिका और ग़ज़ल
आचार्य ओम नीरव
*जीवन का आनन्द*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*हिन्दी हमारी शान है, हिन्दी हमारा मान है*
Dushyant Kumar
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
Seema gupta,Alwar
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
*सस्ती सबसे चाय है, गरम समोसा साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
Loading...