कितना विकट होता है
कितना विकट
होता है ,
है’ का
था ‘
हो जाना
कितना
डरावना
कितना
भयंकर
होता
है
श्री
का
स्वर्गीय
हो
जाना
कितना
कष्टकारक
होता
है
आज
होना
कल
जमीं
हो जाना
कितना
भी
विदारक हो
है’
का
था
हो
जाना
किन्तु
शाश्वत
सत्य है,
है’
का
था
हो जाना