Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

काश

काश
मैं बह सकता, बह जाता इन लहराती जुल्फों मे।
गर
मुझे मदहोश होना होता,
हो जाता गुम तेरी मदमस्त आँखों मे।
जै
मैं खुश होता , देखकर तेरी मुस्कान
काश
मैं लिख सकता ,
लिख लेता तेरे रूप की राग ।
काश
मैं लिख सकता, लिख देता तेरे लिए सारा जहां।

Language: Hindi
93 Views
Books from Sonu sugandh
View all

You may also like these posts

एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
गुमनाम 'बाबा'
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क
Rj Anand Prajapati
सतयुग में राक्षक होते ते दूसरे लोक में होते थे और उनका नाम ब
सतयुग में राक्षक होते ते दूसरे लोक में होते थे और उनका नाम ब
पूर्वार्थ
"आरजू "
Dr. Kishan tandon kranti
विदाई - एक नई शुरुआत
विदाई - एक नई शुरुआत
Savitri Dhayal
हास्यगीत - ओनु लुलुआ के
हास्यगीत - ओनु लुलुआ के
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
3937.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
अच्छे दोस्त भी अब आंखों में खटकने लगे हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
तुम्हारी आंखों के आईने से मैंने यह सच बात जानी है।
शिव प्रताप लोधी
दिल का टुकड़ा...
दिल का टुकड़ा...
Manisha Wandhare
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
*कर्ज लेकर एक तगड़ा, बैंक से खा जाइए 【हास्य हिंदी गजल/गीतिका
Ravi Prakash
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
चंद्रयान तीन अंतरिक्ष पार
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मचलते  है  जब   दिल  फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
मचलते है जब दिल फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
डी. के. निवातिया
😊सुप्रभातम😊
😊सुप्रभातम😊
*प्रणय*
एक नयी शुरुआत !!
एक नयी शुरुआत !!
Rachana
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
*कौन है इसका जिम्मेदार?(जेल से)*
Dushyant Kumar
रतन टाटा जी..!!
रतन टाटा जी..!!
पंकज परिंदा
इसलिए आप मुझको बुलाए नहीं
इसलिए आप मुझको बुलाए नहीं
Sudhir srivastava
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
तकलीफ इस बात की नहीं है की हम मर जायेंगे तकलीफ इस बात है की
Ranjeet kumar patre
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
हम क्यों लगाये यह दिल तुमसे
gurudeenverma198
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
*उठो,उठाओ आगे को बढ़ाओ*
Krishna Manshi
विषय-मेरा जीवनसाथी।
विषय-मेरा जीवनसाथी।
Priya princess panwar
प्रेम के बहुत चेहरे है
प्रेम के बहुत चेहरे है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
कर्मों से ही होती है पहचान इंसान की,
शेखर सिंह
Diploma in Urdu Language & Urdu course| Rekhtalearning
Diploma in Urdu Language & Urdu course| Rekhtalearning
Urdu Course
चाहता हे उसे सारा जहान
चाहता हे उसे सारा जहान
Swami Ganganiya
जो दिख रहा है सामने ,
जो दिख रहा है सामने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...