काश हम भी झुमका होते
काश हम भी झुमका होते
उनके ठुमके पर
झूम झूम जाते
गोरे गोरे गालों को
चूम चूम जाते
काश हम भी झुमका होते
उनके लंबे बालों में
उलझ उलझ जाते
उनकी नरम उंगलियों
से सहलाए जाते
काश हम भी झुमका होते
पहनते उतारते
तो हम को निहारते
उनकी मस्त आंखों में
डुबकी लगाते
काश हम भी झुमका होते
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डॉ रीतेश कुमार खरे
बरुआसागर
जिला झांसी उत्तर प्रदेश