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11 Sep 2020 · 1 min read

काश हम भी झुमका होते

काश हम भी झुमका होते
उनके ठुमके पर
झूम झूम जाते
गोरे गोरे गालों को
चूम चूम जाते
काश हम भी झुमका होते

उनके लंबे बालों में
उलझ उलझ जाते
उनकी नरम उंगलियों
से सहलाए जाते
काश हम भी झुमका होते

पहनते उतारते
तो हम को निहारते
उनकी मस्त आंखों में
डुबकी लगाते
काश हम भी झुमका होते
——————————–
डॉ रीतेश कुमार खरे
बरुआसागर
जिला झांसी उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 364 Views

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