काश मेरी भी माँ होती
काश मेरी भी माँ होती
तो सपने रोज संजोती
काश मेरी भी माँ होती।
काश…….
अब ना किसी की आँख का तारा
कौंन कहेगा राजदुलारा
अब रूठी तो कौन मनाये
मेरी गलती को समझाये
बिन माँ के ये जीवन सूना
बुझ गई ममता की अब ज्योति
काश मेरी भी माँ होती
काश…….
मै भी करके कोई शरारत
उसके आँचल में छिप जाती
दुनिया की सब रीत बताती
मेरी गलती पर वो समझाती
मेरी खुशियों में खुश होती
मेरे दुख में माँ रोती
काश मेरी भी माँ होती
काश…..
जब मुझको दुखो ने घेरा
भर आया पागल मन मेरा
आँखों मे बस माँ का चेहरा
लिटा गोद मे दवा पिलाती
गोद मे लेकर लोरी सुनाती
ओर पास मेरे ही वो सो जाती
काश मेरी भी माँ होती
काश….
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद