काशी में नहीं है वो,
काशी में नहीं है वो,
न ही है मदीने में।
दामन है पाक साफ तो,
मिले हर एक सीने में।
मालिक के महल में अगर,
होना तुझे दाखिल।
नेकी का सौदा लाद खुब,
हयात ए सफीने में।
-सतीश सृजन
काशी में नहीं है वो,
न ही है मदीने में।
दामन है पाक साफ तो,
मिले हर एक सीने में।
मालिक के महल में अगर,
होना तुझे दाखिल।
नेकी का सौदा लाद खुब,
हयात ए सफीने में।
-सतीश सृजन