काव्य भावना
किसलय की मुस्कान बनी ,
मृगनयनी का श्रृंगार बनी ,
चंद्रप्रभा चंचल किरणों का वर्णन बनी,
नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी ,
रवि आगम प्रकाश पुंजों का आव्हान बनी ,
नवप्रेमी युगल संगीत का प्रेमगान बनी ,
मातृत्व का शैशव प्रति अभिमान बनी ,
अनुशासित शिष्य का गुरु प्रति सम्मान बनी ,
मातृभूमि रक्षा बलिवेदी पर वीरों का बलिदान बनी ,
जीवनदर्शन भाव उत्प्रेरित संचरित आत्मज्ञान बनी ,
प्रेम विहृल प्रेमी हृदयों के प्रेम स्पंदन भाव बनी ,
आहत् अंतरात्मा के आर्तनाद का स्वर बनी ,
गुरु ज्ञान पोषित , स्वप्रज्ञाशक्ति परिमार्जित
तत्वज्ञान बनी ,
नियति के आघातो , समय के चक्रवातो में
अविचलित , संघर्षरत , संकल्पित भाव बनी ,
स्वप्निल आशाओं ,आकांक्षाओं की
परिपूर्ति भाव बनी,
समस्त भावों को समाहित किए काव्य भावना
कविता सृजन स्रोत बनी।