Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Sep 2024 · 1 min read

काली शर्ट पहनकर तुम आते क्यों हो?

काली शर्ट पहनकर तुम आते क्यों हो,
अपनी अदाओं से मेरा दिल चुराते क्यों हो।

देखती ही रहती हूं बस तुमको हरदम,
इस तरह मेरे होश उड़ाते क्यों हो।

नहीं चैन आता है दिल को मेरे फिर तो,
न सो पाती हूं रातों को मेरी नींद संग अपने ले जाते क्यों हो।

न जाने कब ये दिल दीवाना हो गया तेरे प्यार में,
तुम इसे इतना तड़पाते क्यों हो।

तुमसे दूर रहना मुश्किल है बिलकुल,
पास आके मुझसे दूर जाते क्यों हो।

1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
2907.*पूर्णिका*
2907.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी..!!
ज़िन्दगी..!!
पंकज परिंदा
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
VINOD CHAUHAN
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
#तेवरी (हिंदी ग़ज़ल)
#तेवरी (हिंदी ग़ज़ल)
*प्रणय प्रभात*
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’
सच्चे देशभक्त ‘ लाला लाजपत राय ’
कवि रमेशराज
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
*मॉंगता सबसे क्षमा, रिपु-वृत्ति का अवसान हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
रेत और जीवन एक समान हैं
रेत और जीवन एक समान हैं
राजेंद्र तिवारी
मजदूरों से पूछिए,
मजदूरों से पूछिए,
sushil sarna
सपनों में खो जाते अक्सर
सपनों में खो जाते अक्सर
Dr Archana Gupta
अनुराग
अनुराग
Bodhisatva kastooriya
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
ये बेसबरियाँ मेरे से झेली नहीं जाती,
ये बेसबरियाँ मेरे से झेली नहीं जाती,
Chaahat
"फ़ुरक़त" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
मार्ग ढूंढने निकले थे रास्ते में एक मोड़ आया
Sonam Puneet Dubey
सुर्ख बिंदी
सुर्ख बिंदी
Awadhesh Singh
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"अजीब दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
"A Dance of Desires"
Manisha Manjari
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
हवस दिमाग से पैदा होती है और शरीर के रास्ते बाहर निकलती है द
Rj Anand Prajapati
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
ले लो आप सब ज़िंदगी के खूब मजे,
Ajit Kumar "Karn"
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
उनकी नाराज़गी से हमें बहुत दुःख हुआ
Govind Kumar Pandey
उम्र पैंतालीस
उम्र पैंतालीस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"मित्रों से जुड़ना "
DrLakshman Jha Parimal
पापा आपकी बहुत याद आती है
पापा आपकी बहुत याद आती है
Kuldeep mishra (KD)
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...