काली रात
मुहोबत में सदा रुसवाई मिली ,
जिधर देखा उधर तन्हाई मिली ,
ना सवेरा हो सका हमारी उम्मीदों का ,
इसको तकदीर में काली रात मिली ।
मुहोबत में सदा रुसवाई मिली ,
जिधर देखा उधर तन्हाई मिली ,
ना सवेरा हो सका हमारी उम्मीदों का ,
इसको तकदीर में काली रात मिली ।