“काला झंडा” “काला झंडा” अब कुछ भी नहीं, कपड़े के एक टुकड़े के सिवा। पूर्णतः अप्रासंगिक- झंडा ही नहीं शर्म भी…।। 😢प्रणय प्रभात😢