शिव से फरियाद
हे शिव-शंकर, हे चन्द्रशेखर
हे नीलकण्ठ हे शिव-शंकर
हे भक्तवत्सल हे पशुपति प्रभो
हे दयानिधान कैलाशपति
करो कृपा भक्तों पर अपने
औघड़दानी हे सती पति
हे प्रकाश पुन्ज कैलाश पति
करो हृदय हमारा प्रकाशमय
हरो हृदय विषाद को मेरे,
बुद्धि विवेक और ज्ञान दो
अपने भक्तों का उद्धार कर दो।
हे सुरेश्वर हे रामेश्वर
नमामि पाद पंकज हे केदारनाथ,
हे नागेश्वर, प्रभु वैद्यनाथ
हे सोमनाथ प्रभु महाकालेश्वर
हे ऊँकारेश्वर मल्लिकार्जुन प्रभो
हे सोमनाथ भीमाशंकर प्रभो
हे घृष्णेश्वर त्रयम्बकेश्वर
दुष्टों का सर्वनाश करो
पापियों का विनाश करो।
बजाओ डमरू या चलाओ त्रिशूल
या चाहे फिर तांडव नृत्य करो
पाप बढ़ रहा धरती पर
इसका अब कोई उपाय करो।
छोड़ कंदराएं और पहाड़
धरा का भी अब भ्रमण करो
अन्यायी, अधमी, विधर्मियों से
अब धरती को मुक्त करो।
हे नागेश्वर, हे चंद्रेश्वर
तनिक न अब बिलंब करो।
हे औघड़दानी, हे ज्ञानशंकर
फरियाद पर मेरे ध्यान धरो,
अपने भक्तों का कल्याण करो।
सुधीर श्रीवास्तव