हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
धन जमा करने की प्रवृत्ति मनुष्य को सदैव असंतुष्ट ही रखता है।
गिरिधारी छंद विधान (सउदाहरण )
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
कुछ लिखा हू तुम्हारी यादो में
रहता धन अक्षय कहाँ, सोना-चाँदी-नोट( कुंडलिया)
महिला दिवस कुछ व्यंग्य-कुछ बिंब
बुंदेली दोहा बिषय- नानो (बारीक)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं हर चीज अच्छी बुरी लिख रहा हूॅं।
शेर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD