Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

कायम है

बाजार में जरूर रहते हैं साहब,
मगर बाजारू नहीं है।
बीमारियों का निदान ढूंढ रहे हैं,
मगर बीमारू नहीं है।।
है कायरों के बीच में अपना भी आशियां,
मुझपर अभितक बुझदिली का टैग नही है।
है जालिमों के बीच में भी उठना बैठना,
पर अपना जालिमों सा कोई स्वैग नहीं है।।

Language: Hindi
1 Like · 192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
" धरती का क्रोध "
Saransh Singh 'Priyam'
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज
कवि रमेशराज
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
होता नहीं कम काम
होता नहीं कम काम
जगदीश लववंशी
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Choose a man or women with a good heart no matter what his f
Choose a man or women with a good heart no matter what his f
पूर्वार्थ
मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वैशाख का महीना
वैशाख का महीना
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
Shweta Soni
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नव्य द्वीप का रहने वाला
नव्य द्वीप का रहने वाला
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
Jindagi Ke falsafe
Jindagi Ke falsafe
Dr Mukesh 'Aseemit'
नींव की ईंट
नींव की ईंट
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"बच सकें तो"
Dr. Kishan tandon kranti
चिड़िया
चिड़िया
Kanchan Khanna
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
आबाद वतन रखना, महका चमन रखना
gurudeenverma198
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
फिर क्यूँ मुझे?
फिर क्यूँ मुझे?
Pratibha Pandey
"फासले उम्र के" ‌‌
Chunnu Lal Gupta
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
Loading...