“काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
“काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो कोई फर्क नही पड़ता मगर वहीं भाषा शैली आकर्षक हो और इरादे नेक न हो तो बहुत कुछ फर्क पड़ जाता है”
शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”