“कामना”
“कामना”
ऐ मेरे दुश्मन !
तुझी ने दी हमें जिन्दादिली,
हम रहें ना रहें
तू सदा जिन्दा रहे…।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
“कामना”
ऐ मेरे दुश्मन !
तुझी ने दी हमें जिन्दादिली,
हम रहें ना रहें
तू सदा जिन्दा रहे…।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति