कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है
कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है
फर्क बस इतना सा है।
की कुछ उन्हे सुनना पसंद करते है
कुछ को कोई मतलब नही
जिनका मन कैकेयी हो
तो फिर हर युग में राम का वनवासी होना तय होगा।।
जब तक खुद के मन में कैकई ना हो
तब तक कोई मंथरा कान नही भर सकती