कान्हा
कान्हा तेरे बिन ये जीवन सूना – सूना है
तड़प है दिल में ,राधा का मन टूटा -टूटा है
यादें तेरी तड़पाती , दिल को है रूला जाती
आँखों में बस तेरी तस्वीर ,मन को बहलाती
बसंत में भी पतझड़ सा मौसम तेरे बिन
तन्हाई विरह की तेरे बिन नैनों को रुलाती
नीर बनकर बहता आँसू ,मन को भीगा जाता
कल्पनाओं में भी बस तेरी छवि नजर आती
हृदय में बसे हो तुम,जुदाई अब रास ना आती
एक बार तो दरस दिखाओ,राधा बस यही चाहती