कान्हा जहाँ रहे
(१)-
मथुरा,गोकुल,वृन्दावन,बरसाना,द्वारिका
लीला मंच बने मेरे श्यामल गिरिधारी का
तीरथ हुई वह पावन भूमि कान्हा जहाँ रहे
प्रभु कृपा तीरथ मन होवे मुझ दुखियारी का|
✍हेमा तिवारी भट्ट✍
(२)-
न जानूँ मैं छन्द शास्त्र को,
शब्दकोश भी खाली है|
एक कली हूँ,जग बगिया की
ऊपर वाला माली है|
भक्तिभाव से कुछ शब्दों को
दिल ने आज पिरोया है,
कान्हा को मन देकर मैंने,
श्रद्धा और मिला ली है|
✍हेमा तिवारी भट्ट✍?