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1 Jun 2023 · 2 min read

कान्हा की पगली ना बन पगली

कान्हा की पगली ना बन पगली, कान्हा की दीवानी बन जाओ।
तारेगे तुमको जन्म मरण से, बस नाम दीवानी बन जाओ।।
कट कट के मरने से बेहतर है, मीरा सी दीवानी बन जाओ।
विष का प्याला पीती मीरा, बस श्याम दीवानी बन जाओ।।
जो छद्म रूप धरके आते हैं, फिर रूप तुम्हें दिखाते हैं।
फिर पछतावा बस पछतावा और मौत से तुम्हें मिलाते हैं।।

कान्हा की पगली ना बन पगली, झाँसी की रानी बन जाओ।
जो लाज को अपनी ना छूने दे, वो पद्मावती तुम बन जाओ।।
जोहर के कुंड में कर स्नान, अमर कथा तुम बन जाओ।
वीर शिवा और महाराणा की, जन्म दात्री तुम बन जाओ।।
संचय कर सकती को अपनी, तुम मात भवानी बन जाओ।
लूट सके ना अस्मत को अब, तुम काली चंडी बन जाओ।।

कान्हा की पगली ना बन पगली, कान्हा की जननी बन जाओ।
विश्वास किया जो मात-पिता ने, तुम लाज ही उनकी बन जाओ।।
हँसना तेरा कष्ट बन गया, तुम क्रोध को अपने दिखलाओ।
नजर उठे ना तुझपर अब तू, विकराल रूप भी दिखलाओ।।
भरकर अब तू रक्त से खप्पर, माँ खप्पर वाली बन जाओ।
धर्म बचाने की खातिर तुम, नव दुर्गा अब बन जाओ।।

कान्हा की पगली ना बन पगली, कान्हा सी स्यानी बन जाओ।
तुम रहो रूप मे माँ दुर्गा के पर, माँ चंडी तुम बन जाओ।।
भावों मे बहना बंद करो अब, कृष्ण अनुयाई बन जाओ।
घर धर मुरली को अपने तुम, अब चक्र सुदर्शन बन जाओ।।
संघार करो तुम पापों का और पाप निवारक बन जाओ।
गिरती हुई इस मानवता को, अब नए रूप मे ले आओ।।
कान्हा की पगली ना बन पगली…
≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈
“ललकार भारद्वाज”

Language: Hindi
3 Likes · 244 Views
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