*कानहा खेले होरी *
कानहा खेले होरी
संग राधा गोरी
कानहा के हाथ
कनक पिचकारी
राधा के हाथ
अबीर की पोटरी
रंग लगायो कानहा ऐसो
राधा हो गई मन-मगन
श्याम के रंग में
रंग गई राधा
भीज गयो अंतर्मन
जन्म -जन्म का
प्रीत है बाढ़यो
अब नाहिं छूटै संग
कानहा खेले होरी
संग राधा गोरी ।