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4 May 2021 · 1 min read

कातिल अजीब सा

अजीब सा मंजर है ये, ये मौसम अजीब सा
थम सी गई है जिंदगी, ये डर है अजीब सा
खौफ में है दुनिया, मौत मंडरा रही
दिखता नहीं है मुजरिम, यह कातिल अजीब सा
घर में कैद सारे, हैं वीरान रास्ते
रखना है सबसे दूरियां, दुनिया के वास्ते
है मर्ज लाइलाज, हिफाजत ही है दवा
निकलो न घरौ से, कोरोना करीब है
अजीब सा ये खंजर, कातिल अजीब सा
थम सी गई हैं सांसें, दुश्मन करीब सा

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 285 Views
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