कह दो मुझसे अगर गिला हो तो,
गज़ल
काफ़िया- ओ की बंदिश
रद़ीफ- तो
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122……..1212……..22
कह दो मुझसे अगर गिला हो तो,
दिल से दिल तुम मगर मिलाओ तो।
मौन रखने से कुछ नहीं हासिल,
बात दिल की जुबां पे लाओ तो।
देख बच्चे भी मुस्कुराते हैं,
देखकर उनको मुस्कुराओ तो।
धूप से गर निजात पानी है,
पेड़ पौधे हरे लगाओ तो।
ख्वाब पूरे जरूर होंगे पर,
ख्वाब पहले से तुम सजाओ तो।
गीत ग़ज़लों में डूब जाओगे,
प्यार से इनको गुनगुनाओ तो,
प्यार क्या है जो जानना चाहो,
एक ‘प्रेमी’ कोई बनाओ तो।
………✍️सत्य कुमार प्रेमी