कहो तो
कहो तो
…….पलको पे बिठा लू
कहो तो
निगाहो मे बिठा लू
कहो तो
दिल मे बिठा लू
कहो तो
सीने में बसा लू
कहो तो
लहू में समा लू
कहो तो
आसमाँ में बना लू
कहो तो
आरज़ू में सजा लू
कहो तो
तमन्नाएँ में बना लू
कहो तो
साँसे में बना लू
कहो तो
धड़कनें में बना लू
कहो तो
अरमान तुझे बना लू
कहो तो
ख्वाबों में बसा लू
खूदा हो
तूम मेरे कहो तो सर पे
बिठा लू ।।
मुकेश पाटोदिया”सुर”