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1 Dec 2022 · 1 min read

*कहें यह भारत अपना (कुंडलिया)*

कहें यह भारत अपना (कुंडलिया)
———————––————————-
अपना भारत अब नहीं , अंग्रेजों का देश
अब भी चलता इंडिया ,मन में यह ही क्लेश
मन में यह ही क्लेश ,इंडिया शब्द हटाओ
भारत को दो नाम ,सिर्फ भारत बतलाओ
कहते रवि कविराय , देखता भारत सपना
अब कब देश गुलाम ,कहें यह भारत अपना
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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