कहीं से निकल जाना
आसान नहीं होता
कहीं से निकल जाना
मुश्किल होता है
अपना पता बदलना
सालों से पड़ी जमी चीजे
जो पड़ी थी कमरे के हर कोने में
उन्हें वहां से उठा कर
किसी और जगह में जमा पाना
साथी जो बने थे अभी
उनका साथ यूं इस तरह छूटना
जो अपने होने लगे थे
उनसे यूं ऐसे अलग हो जाना
खून के रिश्तों से इतर
बनने लगे थे कुछ रिश्ते
जैसे कोई दीदी तो कोई भाई तो कोई प्यारा दोस्त
और वो प्यारे बच्चे
जिनके क्लास में रोज जा कर
यकीन होता था मुझें की
मेरा टीचर बने रहना कितना अच्छा है
आज उनसे अलग हो कर लगता है
कितना मुश्किल होता है
एक टीचर का तबादला होना
सच में कितना मुश्किल होता है
यादों की गठरियां बांध कर
खामोशी से कहीं को निकल जाना… अभिषेक राजहंस